About the book -
नए भारत की चुनौतियाँ देश के सामाजिक मुद्दों पर लिखी गयी एक उत्कृष्ट पुस्तक है| सिविल सेवा परीक्षा, राज्य सेवा परीक्षा एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा यह पुस्तक समाजशास्त्र और समाज कार्य से सम्बंधित विषयों में स्नातक/परास्नातक कर रहे विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी | सदियों की पराधीनता की बेड़ियों को तोड़ कर जब कोई देश नवनिर्माण की दिशा में अग्रसर होता हैं तो उसके पथ में भिन्न प्रकार की चुनौतियां आती हैं | भारत भी जहां एक तरफ विकास और सुशासन की रफ़्तार पकड़ रहा है, वहीँ दूसरी तरफ सामाज में कुछ ऐसे भी वर्ग हैं, जो इस उन्नति के सुफलों से वंचित हैं | इस पुस्तक में इन्ही विरोधाभास एवं उनके कारणों का गहन विश्लेषण करने का प्रयास किया गया है | पुस्तक के विभिन्न भागों में महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और सामाज के कमजोर वर्गों की समस्यायों का विवरण है | इसमें सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न प्रमुख कार्यक्रमों, योजनाओं एवं नीतियों को सारगर्भित ढंग से प्रस्तुत किया गया है, साथ ही साथ सामाजिक हस्तक्षेप के विभिन्न आयामों की भी चर्चा की गयी है|
प्रमुख विशेषताएँ-
- पाठकों, विशेषकर विद्यार्थियों के स्पष्टीकरण हेतु संपूर्ण पुस्तक का पांच भागों में विभाजन
- सामाजिक, धार्मिक आन्दोलनों, नवजागरण एवं विद्वानों के सामाजिक चिंतन के साथ ही उनके सामाजिक दृष्टिकोण की व्याख्या
- समसामयिक चर्चित सामाजिक मुद्दों का विश्लेषण तथा संभावित सुझाव एवं समाधान
- शैक्षिक क्षेत्र के मुद्दे , पर्यावरण एवं स्वास्थय सम्बन्धी चुनौतियाँ, आतंरिक सुरक्षा और राजनैतिक मुद्दों का प्रस्तुतिकरण